कवर है कवर है
उनका सम्मान तो करना था इसलिए नेत्रदान तो करना था । उनका सम्मान तो करना था इसलिए नेत्रदान तो करना था ।
प्रकृति है जीवन का अनमोल रत्न इसको गवा न बैठो तुम। प्रकृति है जीवन का अनमोल रत्न इसको गवा न बैठो तुम।
पर पता नहीं क्यों, कभी अधूरा सा ही नहीं लगा मुझे तेरे बिना। पर पता नहीं क्यों, कभी अधूरा सा ही नहीं लगा मुझे तेरे बिना।
मेरे सेंटा मेरे पापा साथ हर दिन निभाते हैं रात हो या दिन मेरी हर मुस्कराहट की खातिर मेरे सेंटा मेरे पापा साथ हर दिन निभाते हैं रात हो या दिन मेरी हर मुस्कर...
मैं नदी हूँ तुम्हारी माँ जैसी हूँ सब कुछ सह चुप रहती हूँ। मैं नदी हूँ तुम्हारी माँ जैसी हूँ सब कुछ सह चुप रहती हूँ।